पत्नी पर हाथ उठाने का अधिकार
कुरआन ने कुछ खास परिस्थितियों (हालात) में पति को अधिकार दिया है कि वह पत्नी को शारीरिक दंड दे सकता है और यह मामला एक बड़ी बहस का मुद्दा बन चुका है। इस पूरे मामले […]
कुरआन ने कुछ खास परिस्थितियों (हालात) में पति को अधिकार दिया है कि वह पत्नी को शारीरिक दंड दे सकता है और यह मामला एक बड़ी बहस का मुद्दा बन चुका है। इस पूरे मामले […]
इस्लाम के सिवा बाक़ी तमाम मज़हबों के मानने वालों को ग़ैर-मुस्लिम कहा जाता है। यही शब्द/परिभाषा उन लोगों के लिए भी है जो किसी दीन या मज़हब को नहीं मानते। ये कोई अपमान का शब्द नहीं है, बल्कि सिर्फ इस वास्तविकता का इज़हार है कि […]
There are some major misconceptions about this issue. Muslim societies had monarchs ruling them for a very long period, stretching about a thousand years. Therefore, their system of government was based on monarchy. Excluding the […]
लेखक: शेहज़ाद सलीम अनुवाद: मुहम्मद असजद आमतौर पर यह माना जाता है कि सभी गैर-मुसलिम काफ़िर हैं जिनको कुरआन[1] में निंदा (मज़म्मत) और दंड के योग्य बताया गया है। यह धारणा सही नहीं है। एक […]
Question The Prophet has said that two groups in my ummah (group of my followers) shall be successful. One which fights in Hind (India) and the other that accompanies Hadhrat Isa (Jesus) when he comes […]
(Read the original article in Urdu: http://www.javedahmadghamidi.com/books/view/ghazwa-e-hind-ki-kamzor-aur-ghalat-riwayaat-ka-jaiza) लेखक: मुहम्मद फारूक खां अनुवाद: मुहम्मद असजद हमारे दीन की तालीमात (शिक्षाएँ) बिलकुल साफ़ और वाज़ेह हैं, क्योंकि उन की बुनियाद कुरआन मजीद और सहीह हदीसों[1] पर है। कुरआन […]
लेख़क: मुहम्मद असजद दाढ़ी की दीन में क्या हैसियत (स्थान) है इस पर बात शुरू करने से पहले कुछ बुनियादी बातें हम ज़ेहन में रख कर चलेंगे। सबसे पहले यह की किसी भी चीज़ को […]
लेखक: डॉ शहज़ाद सलीम अनुवाद: मुहम्मद असजद कुछ आलिम यह राय रखते हैं कि हर मुसलमान पर फ़र्ज़ है कि वह जहाँ रह रहा हो वहां इस्लामी रियासत (राष्ट्र) कायम करे और इस्लामी शरीअत लागू […]