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Category: ग़लतफहमियां

  • हदीसों से कुरआन की व्याख्या

    हदीसों से कुरआन की व्याख्या

    कुछ विद्वानों का मानना है कि कुरआन की व्याख्या (तशरीह-तफसीर) हदीसों पर निर्भर है और कुरआन को हर हाल में सिर्फ हदीसों के ज़रिये ही समझा जाना चाहिए। हालांकि, कुरआन खुद मिज़ान और फुरक़ान की हैसियत रखता है और कुरआन […]

    February 2, 2018 / ग़लतफहमियां, पवित्र कुरआन, हदीस

     
  • रसूलअल्लाह (स.व) का हर काम सुन्नत हैं ?

    रसूलअल्लाह (स.व) का हर काम सुन्नत हैं ?

    कुछ लोगों मानते हैं कि रसूलअल्लाह (स.व) द्वारा किया गया हर काम सुन्नत है। इस अवधारणा (तसव्वुर) का विश्लेषण करते हुए ग़ामिदी साहब लिखते हैं:[1] कुरआन में यह बात बिलकुल साफ़ है कि अल्लाह के […]

    February 2, 2018 / ग़लतफहमियां, सवाल-ओ-जवाब, सुन्नत

     
  • सुन्नत और हदीस का फ़र्क

    सुन्नत और हदीस का फ़र्क

    अकसर सुन्नत और हदीस दोनों शब्दों को पर्यायवाची या एक ही चीज़ समझा जाता है, लेकिन दोनों की प्रामाणिकता (सच्चाई) और विषय-वस्तु (मोज़ू) में बहुत अंतर है। रसूलअल्लाह (स.व) के कथन (क़ौल), कार्य (फेअल) और स्वीकृति एवं […]

    February 2, 2018 / ग़लतफहमियां, सुन्नत, हदीस

     
  • कुरआन में संपूर्ण ज्ञान का होना

    कुरआन में संपूर्ण ज्ञान का होना

    कुछ लोगों का मानना है कि कुरआन के अंदर मुकम्मल इल्म मौजूद है और हमारे किसी भी सवाल का जवाब कुरआन में मिल जायेगा, इस राय की पुष्टि के लिए यह आयत पेश की जाती है: […]

    January 26, 2018 / ग़लतफहमियां, पवित्र कुरआन

     
  • कुरआन की कुछ आयात का अर्थ सिर्फ अल्लाह ही जानता है ?

    कुरआन की कुछ आयात का अर्थ सिर्फ अल्लाह ही जानता है ?

    आमतौर पर यह माना जाता है कि कुरआन की कुछ आयात ऐसी हैं जिनका मतलब सिर्फ अल्लाह जानता है और इंसान उनका मतलब नहीं समझ सकते, इन आयात को ‘मुताशाबिहात’ कहा जाता है। इस बात को […]

    January 26, 2018 / ग़लतफहमियां, पवित्र कुरआन

     
  • कुरआन का सात अ'हरूफ पर उतारा जाना

    कुरआन का सात अ’हरूफ पर उतारा जाना

    कुछ हदीसें दावा करती है कि कुरआन सात अ'हरूफ पर नाज़िल किया गया है।  जैसे कि यह खबर:                            “ “अब्द अल-रहमान इब्न अब्द अल-कारी से रवायत है कि उमर इब्न अल-खत्ताब ने उनके सामने कहा: “मैंने […]

    January 26, 2018 / ग़लतफहमियां, पवित्र कुरआन

     
  • कुरआन में पाठभेद

    कुरआन में पाठभेद

    एक धारणा यह भी है कि कुरआन में पाठभेद (Variant Readings) हैं। यानी कुरआन की एक ही आयत के अलग-अलग संस्करण मौजूद हैं। यह भिन्नता सिर्फ उच्चारण (तलफ्फुज़) में ही नहीं बल्कि शब्दों में भी […]

    October 21, 2017 / ग़लतफहमियां, पवित्र कुरआन

     
  • क्या कुरआन में कोई समन्वय (नज़्म) नहीं है ?

    क्या कुरआन में कोई समन्वय (नज़्म) नहीं है ?

      आम तौर पर यह माना जाता रहा है कि कुरआन में कोई समन्वय नहीं है और इसकी आयात अव्यवस्थित तरीके (बेतरतीबी) से जमा कर दी गयी हैं। हमीदउद्दीन फराही की “मज्मुआह तफसीर”[1], अमीन अहसन […]

    October 6, 2017 / ग़लतफहमियां, पवित्र कुरआन

     
  • इस्लाम और राष्ट्रीयता (क़ौमियत)

    इस्लाम और राष्ट्रीयता (क़ौमियत)

    जावेद अहमद ग़ामिदी, मकामात अनुवाद: जुनैद मंसूरी रंग, नस्ल, भाषा, सांस्कृतिक परम्पराओं और क्षेत्र के आधार पर एक राष्ट्र (क़ौम) होने की भावना इन्सान के स्वभाव में पायी जाती है। सारे इन्सान एक ही मनुष्य की […]

    August 7, 2017 / ग़लतफहमियां, राजनीतिक मुद्दे, विचार विमर्ष

     
  • ईसा (स.व) की वापसी के बारे में...

    ईसा (स.व) की वापसी के बारे में…

    मुसलमानों में आम तौर पर माना जाता है कि जब दुनिया का अंत करीब होगा तो ईसा (स.व), जिनको दुनिया से ज़िन्दा उठा लिया गया था, वापस आयेंगे और उनका यह दूसरी बार आना असल […]

    August 3, 2017 / ग़लतफहमियां, विचार विमर्ष

     
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